ग़ज़लें
प्यार में टूटा मैं आईना हूँ तो हूँ
एक टक आपको देखता हूँ तो हूँ
दिल की चाहत में, कोई कमी है तो है
आपको रात दिन, चाहता हूँ तो हूँ
तुम नहीं हो हक़ीक़त में मेरे लिए
तुझको ख़्वाबों में मैं सोचता हूँ तो हूँ
कब कहा चांद सूरज मुझे मान लो
मैं तुम्हारी नज़र में दिया हूँ तो हूँ
कोई बुकरात है तो मुझसे इससे क्या
मैं अकेला यहाँ बावला हूँ तो हूँ
दूसरों से मिला करता हूँ टूटकर
रिश्तेदारों से मैं भागता हूँ तो हूँ
मेरी हिम्मत, तबीअत, अलग है 'कुमार'
दर्द के साथ मैं झूमता हूँ तो हूँ