चुलबुला बचपन

इस पुस्तक में चित्रांकन मेरी बेटी आस्था ने किया है, जो कक्षा पाँच में पढ़ती है। आस्था बचपन से ही स्कैच बनाने में रुचि रखती थी। वर्णमाला के अक्षर सीखते-सीखते, आड़ी-तिरछी रेखाओं से खेलते हुए उसने कब चित्र बनाना शुरु कर दिया, हमें पता ही नहीं चला।


इस पुस्तक में आस्था के द्वारा चित्रांकन करवाने का मेरा उद्देश्य आस्था के आत्म-विश्वास को दृढ़ करना है, साथ ही जो बच्चे इस पुस्तक को पढ़ेंगे वह भी उससे प्रेरित होंगे। क्योंकि मेरा मानना है कि हर बच्चे में कुछ न कुछ प्रतिभा अवश्य होती है। बस उसको संवारने और तराशने के लिए एक सम्बल की दरकार होती है।



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