संपादकीय


हिस्सों में बटी हुई ज़िन्दगी का एक और पड़ाव रूख्सत होने के लिए इंतज़ार में है। 'अभिनव इमरोज़' ने भी अपने सफ़र के आठ साल पूरे कर लिए हैं- यह आठ साल का सफ़र बेहद सुखद रहा। पाठकों और साहित्यकारों का पूरा सहयोग मिला। मेरे लिए इस सफ़र की राहें बिल्कुल अनजान थीं लेकिन हर किसी ने किसी न किसी तरीके से मेरा मार्गदर्शन किया। क़दम-क़दम पर मुझे अपने खुशकिस्मत होने का अहसास होता रहा। जो प्रोत्साहन मुझे मिला उसने मुझे प्रेरित किया कि मैं निरंतर संपुष्ट होने की ओर अग्रसर होता रहूँ। यही कारण है कि 'साहित्य नंदिनी' के प्रकाशन का रास्ता प्रशस्त हुआ। साहित्य नंदिनी ने भी 2 साल पूरे कर लिए हैं। 2020 में इसे भी स्थायी प्रारूप देने के लिए प्रयत्न किए जाएँगे।


2019 में 'अभिनव इमरोज़' के लिए सब से ज़्यादा उल्लसित होने का अवसर तब मिला जब नासिरा जी को 'व्यास सम्मान' दिए जाने की घोषणा हुई। हमारे लिए यह एक गौरवान्वित होने का अवसर है। क्योंकि नासिरा जी की 'अभिनव इमरोज़' में उपस्थिति और उनका साकारात्मक सहयोग हमे निरंतर मिलता रहा। उन्होंने हमेशा 'अभिनव इमरोज़' के लिए नयाब साहित्य सामग्री उपलब्ध करवा कर हमें स्तरीय श्रेणी की पत्रिका बनने में सहयोग दिया। 'व्यास सम्मान' के लिए चयनित किए जाने पर 'अभिनव इमरोज़' एवं साहित्य नंदिनी परिवार की ओर से उनका हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएं:-


हमें विश्वास है की 2020 भी हम सब के लिए शुभ होगा। सबसे अनुरोध है कि आप अपनी कृपा दृष्टि, सौहार्द एवं सहयोग बनाए रखें। जिससे हमारी हिम्मत अफजाई होती रहे। और हम हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयत्नरत रहें। संपादन एवं मुद्रण में कुछ ़त्रुटियाँ तो जरूर होती हैं साथ में सुधार प्रक्रिया भी चलती रहती है। हमारी कोशिश है कि 'अभिनव इमरोज़' एवं 'साहित्य नंदिनी' नए सौंदर्य के साथ आपको उपलब्ध होती रहे।


आइए, वर्ष 2019 को अतीत के ख़जाने को सपुर्द कर के वर्ष 2020 का स्वागत करें और जीवन को प्रेम, सद्भाव और मौलिक चिंतन से समृद्ध करें।


हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएं:-



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