जीवन क्या है?
मेरे लिये साँसों का चलना
दिल का धड़कना ही
जीने का संकेत, अहसास नहीं है
अन्तर्मन के गहन निर्जन कोने में
मैंने प्रेम का अमृत कलश-
संजोकर रक्खा है
एक दीपक जलाकर रक्खा है
जगे हर मेरे रोम-रोम को
प्रेम के रस से सराबोर करता है
दीपक रोम-रोम को प्रकाशित करता है
जिस पल भी ये प्रेम का अमृत कलश
खाली हो जायेगा
ये दीपक बुझ जायेगा
उस पल ही मेरे लिये साँसों का चलना
दिल का धड़कना भी बन्द हो जायेगा।