संपादकीय

 




संपादक, देवेन्द्र बहल, मो. 9910497972


अतीव प्रिय पाठक, लेखक एवं सदस्यगण,
हमारी अर्थव्यवस्था इस समय संकीर्णता के दौर से गुज़र रही है। जिसका असर हमारे प्रकाशन पर भी पड़ रहा है। इस मंदी के चलते हमारे लिए अपना बजट नियंत्रित करना अति आवश्यक हो गया है। ताकि ‘अभिनव इमरोज़’ एवं ‘साहित्य नंदिनी’ का संचार निरंतर बना रहे। ऐसे समय में मितव्ययिता ही एक ऐसा विकल्प है जो ‘अभिनव इमरोज़’ एवं ‘साहित्य नंदिनी’ को शायद तालेबंदी से बचा ले।
अतः



  1. इस अंक के उपरांत निःशुल्क वितरण निलंबित किया जा रहा है।

  2. सदस्यों को ‘अभिनव इमरोज़’ एवं साहित्य नंदिनी’ लगातार भेजी जाती रहेंगी। जिन्होंने नवीकरण अभी तक नहीं करवाया,  कृपया करवा लें।

  3. प्रकाशित होने वाले रचनाकारों को ‘लेखक-प्रति’ रजिस्टर्ड पोस्ट से भेज दी जाया करेगी।

  4. नई सदस्यता एवं नवीकरण के लिए शुक्ल दरें भी हटा दी गई हैं। उसके स्थान पर ‘‘स्वेच्छित सहयोग’ का प्रावधान रखा गया है। कृपया पृ. 3 पर विवरण पढ़ें।

  5. ई.मेल पर भेजी गई रचनाओं को वरयीता दी जाएगी।

  6. ‘अभिनव इमरोज़’ एवं ‘साहित्य नंदिनी’ हमारी बेवसाईट (www.abhinavimroz.page) पर भी उपलब्ध रहेगी।


 


 


 


 


Popular posts from this blog

अभिशप्त कहानी

हिन्दी का वैश्विक महत्व

भारतीय साहित्य में अन्तर्निहित जीवन-मूल्य