अभिनव इमरोज आवरण पृष्ठ 4


उदित हो रहा चन्द्र गगन में


और क्षितिज पर सूर्य विलीन


लहरों पर आलिंगन करते


सूरज संग चंदा के रंग


रंगों संग करता किलोल


फेनिल, शुभ्र गंगा का जल।


कैसी नैसर्गिक सुंदरता


हो रहा सलिल में


मिलन मधुर यू....


सूर्य और चन्द्र-किरण।।


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