अभिनव इमरोज व साहित्य नंदिनी अंक फरवरी और मार्च 2020
आदरणीय, पूर्व की भांति आपकी दोनों बल्कि चारों पत्रिकायें समय पर ही प्राप्त हुईं लेकिन समयाभाव के कारण उनकी प्राप्ति के विषय में समय से कुछ कह नहीं पाया । अभी चूंकि कोरोना ने दरवाजे पर कर्फयू लगा दिया तो समय ही समय, तो सबसे पहले साहित्य की सबसे अच्छी पत्रिका की खोज खबर ली और फिर आपसे रूबरू होने का मन हुआ।
जहाँ तक अभिनव इमरोज की बात है तो उसमें साहित्य की सभी विधाओं का समावेश रहता है। कविता, कहानी, लेख-आलेख, दोहे, गजल, मतलब कि पूरी पत्रिका में नये तथा पुराने सभी साहित्यकारों की रचनाओं को स्थान दिया जाता है । किसी साहित्यकार की किसी रचना का अभिनव इमरोज जैसी पत्रिका में प्रकाशित होना गर्व का विषय होता है ।
अभिनव इमरोज ने बहुत थोड़े से समय में ही साहित्य की पत्रिकाओं में अपना उच्च स्थान बना लिया है जिसके पीछे संपादक डी के बहल का अथक परिश्रम झलकता है ।आश्चर्य होता है श्री बहल इतनी भागदौड़ कैसे कर लेते हैं ।
जहां तक साहित्य नंदिनी की बात है तो मैं तो यही कहूंगा कि यदि अभिनव इमरोज साहित्यिक पत्रिका है तो साहित्य नंदिनी साहित्य के निचोड़ की पत्रिका है बल्कि यह कहना अधिक उचित होगा कि यदि किसी को गूढ़ साहित्य पढ़ना हो तो वह साहित्य नंदिनी जरूर पढ़े ।
साहित्य नंदिनी के फरवरी अंक में पृष्ठ 10 पर मेरी एक कहानी ‘हैलो’ की डा सुधांशु शुक्ला (पोलेंड) द्वारा की गई समालोचना को भी आपने स्थान दिया है, उसके लिये हृदय से आभार ।
आप शतायु हों और स्वश्थ बने रहें, इसी कामना के साथ
शुभेच्छु -बी एल गौड़, नई दिल्ली, मो. 9810173610