दोहे
आचार्य भगवत दुबे, जबलपुर (मध्य प्रदेश), मो. 9691784464
चला वायरस चीन से, पापी पाँव पसार।
कोरोना ने भर लिया, जबड़े में संसार।।
फन फैलाये आ रहा, यह कोविड का व्याल।
करें लाॅकडाउन स्वयं, घर-भीर तत्काल।।
मिला चायना में प्रथम, कोविड का संकेत।
फिर भी वैज्ञानिक रहे, मद में चूर अचेत।।
है यह घातक वायरस, कोविड नाइन्टीन।
दण्डनीय अपराध कर, चुप बैठा है चीन।।
कोरोना का है जनक, चर्चित शहर वुहान।
फैलाया है विश्व में, गरिया रह जहान।।
शिशुओं पर भी कर रहा, यह करोना वार।
हुआ फूल सी देह का, काँटों से श्रृंगार।।
कोविड फैलाकर हुआ, मूढ़ चायना फेल।
ड्रेगन पर कस दीजिये, अब मजबूत नकेल।।
सारी दुनिया को किया, ड्रेगन ने गुमराह।
हांगकांग को दे रहा, सारा विश्व पनाह।।
कोरोना ने कर दिया, इतना नर संहार।
बिन दफनाये सड़ रहे, लाशों के अंबार।।
रहा हजारों को निगल, कोविड रोज चपेट।
भारत में संतोषप्रद, किन्तु रिकवरी रेट।।