अंजना संधीर जी की नवीनतम प्रकाशित पुस्तकें



कुछ तो करना होगा
वातावरण को बचाना होगा 
समुन्दरों को साफ रखना होगा
वर्ना प्लास्टिक भरता जा रहा है 
जलचरों में 
जो धीरे-धीरे इन्सान को भी खोखला करता जा रहा है 
पिघल रहा है अंटार्टिका 
हड्डियाँ निकल आई हैं पोलर बेयर (भालू) की 
बंद करो ऐसी के पेड़ 
कंकरीट के जंगलों में 
जो वातावरण में गर्मी पैदा कर रहे हैं 
गाड़ियों की गर्मी, ऐसी की बाहर निकलती गर्म हवाएँ और 
तपते सूरज की आग में 
कैसे बचेगा आदमी जिसने काट डाले हैं पेड़ अपनी सुविधाओं के लिये 
नहीं हो रही बारिश 
सूखता जा रहा है रफ़्ता-रफ़्ता आदमी 
सभ्यता को सूखने मत दो 
छायादार पेड़ लगाओ, वातावरण को बचाओ 
जिंदा रहने के लिए यही जरूरी है,
और...पानी को बचाना होगा।
हाँ...पेड़ लगाने होंगे, सुविधाओं से बाहर 
निकलना होगा 
सच! अब तो कुछ करना होगा


 
अंजना संधीर, अहमादाबाद, मो. 09099024995


 


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