बालगीत
ज्योत्स्ना प्रदीप,
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आओ मिल कर योग करें
आओ मिलकर योग करें
हम बालक भी योग करें।
आलस को तुम त्यागों जी
सुबह को जल्दी जागो जी
दूर सभी हम रोग करें
आओ मिलकर योग करें।
प्यारा - प्यारा तन-मन है
सेहत है तो जीवन है
सभी को हम निराग करें
आओ मिलकर योग करें।
ऋषि-मुनि सारे योगी थे
कभी नहीं वो रोगी थे।
हर पल का उपयोग करें।
आओ मिलकर योग करें।
तोता
मीतू ने इक तोता पाला
बातूनी पर भोला भाला।
करके उसे पिंजरे में बंद
करें उसको रे सभी पसंद।
नीतू ने जब पिंजरा खोला
‘यहीं रहूँगा- तोता बोला।
मुझको लगता घर ये प्यारा
मैं सबकी आँखों का तारा।
स्टडी हॉल, प्ले स्कूल, नंबी, मुम्बई के बच्चे योगाभ्यास करते हुए