डॉ चेतना उपाध्याय
डॉ चेतना उपाध्याय, अजमेर मो. 9828186706
दीपोत्सव
दीपावली आई दीपोत्सव की बहार लाई
आओ हम स्नेह-दीप जला लें
दीपोत्सव के बहाने दीपमाला बना लें
अपने चञ्चल मन को
कोरा-सा माटी का दीप बना लें
अपनी अन्तश्चेतना से
दीपक का तेल बना लें
अपनी अन्तरात्मा की तेजस्विता से
दीप को तेजस्वी ज्वाला बना लें
आओ हम
अपनी दुर्भावनाओं को मिटा कर
भीतर के अँधियारे से मुक्ति पा लें
कुछ हम बढ़ें, कुछ तुम बढ़ो
आओ आगे बढ़ने का सिलसिला बना लें
अपने भावों को कोमल बना कर
दूसरों के भावों में कोमलता बढ़ा लें
आओ हम
कोरी माटी के दीपक में
कलुषित भावनाएँ जला लें
कुछ हम जलें, कुछ तुम जलो
उस जलने-जलाने का सिलसिला मिटा लें
कुछ हम तपें, कुछ तुम तपो
इस मोहक तपिश से दीपोत्सव की महिमा बढ़ा लें
आओ हम
अमीर गरीब की क्रान्ति को
मन से मन की क्रान्ति बना
पीढियों की भ्रान्ति को मिटा कर
आओ उज्ज्वल क्रान्ति बहा लें
इस अग्रिम दीपोत्सव पर
माटी के दीपों की जगह मन के दीप जला लें
आओ हम