कविताएँ


डॉ. रमेश मिलन, पुणे, मो. संपर्क:- 9029784346


 


गौरैया



छोटी-सी प्यारी गौरैया मस्त मधुर धुन गाए


ता-ता थइया ता-ता थइया मनहर नृत्य दिखाए


 


सुबह सवेरे उठकर बोले मीठी-मीठी बोली


उड़ती नभ में कसरत करने ले गौरैयों की टोली


फुदक फुदक कर ऊपर नीचे सबका मन हरषाए


 


गौरैया चहकार मनोहर मनभावन मतवारी


रंग-बिरंगे सोने जैसे पंखों की फलवारी


बड़ी बनोखरी बड़ी सलोनी डाल-डाल मुस्काए


 


मेहनत करके दाना चुगती सुंदर नीड़ बनाती


छोटे-छोटे पंखों के बल दूर देश उड़ जाती


आलस त्याग करो श्रम पूजा संदेशा दे जाए



 


 


सच्चे प्रहरी



हम भारत माँ के सेनानी आगे बढ़ते जायेंगे


बाधाओं के हर पहाड़ पर विजय श्री फहरायेंगे


 


नहीं झुकेंगे सिर ये अपने बर्बरता के आगे भी


जब ज्वाला बन कर दहकेंगे दूर कलुषता भागेगी


दानवता का दंश दमन कर मानवता महकायेंगे


 


पड़ने देंगे नहीं देश पर देश द्रोह का हम साया


बच्चा-बच्चा बलिदानी है भारत-माता का जाया


हो जाएं तन टुकड़े-टुकड़े पीठ नहीं दिखालायेंगे


 


हमको प्यारी है आजादी और तिरंगा प्यारा है


टूट न पाये देश हमारा यही हमारा नारा है


हम हैं हिंद के सच्चे प्रहरी अपना देश बचायेंगे।


Popular posts from this blog

अभिशप्त कहानी

हिन्दी का वैश्विक महत्व

भारतीय साहित्य में अन्तर्निहित जीवन-मूल्य