अभिनव इमरोज़ कवर पेज - 1


..... खेल-खेल में ही सिखलाते,


परिस्थितियों से, जूझने का मन्त्र बताते,


मेरी थकी गीली आँखों में


नये स्वप्न जगाते,


पत्ते मेरे घर आये। 


-उमा त्रिलोक


Popular posts from this blog

अभिशप्त कहानी

हिन्दी का वैश्विक महत्व

भारतीय साहित्य में अन्तर्निहित जीवन-मूल्य