कश्मीर

 (1)

झील का पनी लाल हो गया है

जब कभी तेज हवाएँ चलती हैं

तो खाली शिकस्ता शिकारे के

बोसीदा परदे फड़फड़ा उठते हैं

नरगिस का इक्का-दुक्का फूल

आँख में शबनम लिये

झील में अपना चेहरा देखने के लिये

झुकता है

शबनम का रंग भी लाल हो गया है।

(2)

श्रीनगर के चैक का

तो नाम ही लाल चैक है

पता नहीं

चैक के नाम के रूप में

किस की पेशीनगोई

रंग लाई है?

(3)

अहिंसा के पुजारी

मोहनदास गाँधी की जयंति के मौके पर

वादी के बेशुमार

शहरों, बस्तियों, बागों, मैदानों में

मुशायरों का आयोजन था

मुल्क भर के शुअरा आए थे

रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी

गजलसरा हैंः

‘‘फिराक़ गर्मे सुख़न है मजाक बंद करो-

वह देखो हो गए संजीदा सब दरो-दिवार।‘‘

(4)

ज़ाफरान के खेतों में

अब खुदरो घास फैल पड़ी है

खुश्बू हो दर किनार

अब सूखे लहू की भनक

सांस में अंदर जाती है

बाहर आती है

अंदर जाती है

बाहर आती है

बाहर आती है

सूखे लहू की भनक

 

-आदिल मंसूरी, न्यूजर्सी, यू.एस.ए.

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