प्रेस विज्ञप्ति, साहित्य मंच कार्यक्रम में पंकज सुबीर और लक्ष्मी शर्मा ने किया कहानी-पाठ

 दोनों कहानियों में दर्ज था प्रेम का उदात्त रूप

10 नवंबर 2020, नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा आज हिंदी साहित्य मंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अकादेमी की वेबलाइन शृंखला के अंतर्गत आयोजित इस वर्चुअल लाइव कार्यक्रम में हिंदी के दो कथाकारों पंकज सुबीर और लक्ष्मी शर्मा ने अपनी-अपनी कहानियाँ प्रस्तुत कीं।

सबसे पहले लक्ष्मी शर्मा ने अपनी कहानी ’खत ओ मुतवाजी’ का पाठ किया। कहानी एक विवाहिता डाॅक्टर राबिया सिद्दकी और उनके अस्पताल में कोमा में बेहोश मरीज के बीच अनकहे आपसी प्रेम पर आधारित थी। इस कहानी में अपने देखरेख में रखे गए मरीज के प्रति गहरा लगाव प्रदर्शित हुआ जिसमें करुणा और सहानुभूति का उदात्त भाव था। डॉ लक्ष्मी शर्मा प्रख्यात कथाकार और आलोचक हैं। राजकीय महाविद्यालय, मालपुरा के हिंदी विभाग से सह आचार्य पद से सेवानिवृत्त हुई लक्ष्मी शर्मा की सात पुस्तकें प्रकाशित हैं

पंकज सुबीर ने ’एक रात’ शीर्षक कहानी का पाठ किया। नियति द्वारा तय किए गए रास्ते पर चलते दो अतृप्त प्रेमियों को इस कहानी में बहुत सलीके से प्रदर्शित किया गया था। बिछड़े हुए प्रेमियों की इस कहानी में एक रोमांच तो था ही, साथ ही पुरुष प्रेमी के मन में उस अपराधबोध को भी पूरी तीव्रता से महसूस किया जा सकता था जो अपनी प्रेमिका से किसी कारणवश विवाह नहीं कर पाया। पंकज सुबीर हिंदी के प्रख्यात कथाकार और संपादक हैं। पंकज सुबीर की कुछ प्रकाशित पुस्तकें हैं - ये वो सहर तो नहीं, अकाल में उत्सव, जिन्हें जुर्म-ए-इश्क पे नाज था (उपन्यास), ईस्ट इंडिया कम्पनी, महुआ घटवारिन, कसाब.गांधी एट यरवदा.इन, चैपड़े की चुड़ैलें, होली, प्रेम (कहानी-संग्रह), यायावर हैं, आवारा हैं, बंजारे हैं (यात्रा संस्मरण), नई सदी का कथा समय, बारह चर्चित कहानियाँ, विमर्श दृष्टि (संपादन) आदि।

इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण साहित्य अकादेमी के यूट्यूब चैनल और वेबसाइट पर किया गया। कार्यक्रम का संचालन साहित्य अकादेमी में संपादक (हिंदी) अनुपम तिवारी ने किया।   

   

-अजय कुमार शर्मा, सहसंपादक, साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली, मो. 9868228620

Popular posts from this blog

अभिशप्त कहानी

हिन्दी का वैश्विक महत्व

भारतीय साहित्य में अन्तर्निहित जीवन-मूल्य