संपादकीय
ये अंक समर्पित है-
उन उभरती हुई प्रतिभाओं को जो अहिल्या जी के मार्ग दर्शन में हिन्दी को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए सक्रिय एवं तत्पर रहती हैं।
श्रद्धा लिप्त एक आहुति समर्पित है-
उस यज्ञ को जो अहिल्या जी ने दक्षिण भारत में रचा रखा है। अभिनव इमरोज़ एवं साहित्य नंदिनी परिवार की ओर से हमारा यह एक तुच्छ प्रयास उस यज्ञ की अग्नि को निरंतर उर्ध्वगामी बने रहने के लिए
शुभकामनाओं के साथः-
नव वर्ष सब के लिए मंगलमय होः-
संपादक