रेशा-रेशा
सूर्य प्रकाश मिश्र, खोजवा, दुर्गाकुण्ड, वाराणसी, मोबाइल 09839888743
चलो बनायेँ रेशा-रेशा
सब कुछ बिलकुल पहले जैसा
कालिख लगी हुई पटरी पर
दुद्धी से है लिखा संदेशा
लदे फंदे बस्ते में दोनों
मैं छोटा वो मुझसे छोटी
पटरी और दवात साथ में
खट्टी मीठी गुड़ की रोटी
जब भी किया टिफिन का हिस्सा
मुझे बड़ा ही दिया हमेशा
जाड़े की गुनगुनी धूप में
थोड़ा और पास सट जाना
गिनती और पहाड़ा सारा
मुझसे पहले ही रट जाना
रोज शिकायत करना लेकिन
खुद देना चूरन का पैसा
बरस रहे आँधी पानी से
मुझे छेक कर आगे चलना
मौसम और मिजाज देखकर
झाँसी की रानी में ढलना
याद आ रहा सबक अभी तक
बन जाना जैसे को तैसा