गीत
मुरलीधर पाण्डेय, मुम्बई, मो. 9920311683
गीतों में है प्यार, प्यार में सागर है।
सागर में है ज्वार, ज्वार में गागर है।
भाव भरे मन के कोने में
खट्टे-मीठे गीत सलोने,
गीतों में हैं ‘गीत मिलन के’
गली-गली, कोने-कोने
गीतों की मस्ती में, आवाज बराबर है।
गीतों में है प्यार, प्यार में सागर है।।
बिरहन के नैनों में देखो
बहते झर-झर झरने
झरनों के है। गीत सुरीले
दर्द भरे हैं सपने
प्राची के आँगन में, मुस्काने उजागर है।
गीतों में है प्यार, प्यार में सागर है।।
गीतों की है अमर कहानी
अरमानों के सपने
मौसम के गीतों में देखो
रंग भरे हैं कितने
गीतों की दुनिया में, मधुमास बराबर है।
गीतों में प्यार, प्यार में सागर है।।