श्रद्धांजलि


कवि, आलोचक, नाटककार, आत्मपरक साहित्य-शिल्पी, 

कविता, आलोचना, नाटक, डायरी, आत्मकथा, संस्मरण, साक्षात्कार 

और पत्र संवाद के प्रयोगधर्मी हस्ताक्षर 

     डाॅ. नरेन्द्र मोहन जी को 

       अभिनव इमरोज़ एवं साहित्य नंदिनी 

  परिवार की ओर से 

  सादर नमन!


Popular posts from this blog

अभिशप्त कहानी

हिन्दी का वैश्विक महत्व

भारतीय साहित्य में अन्तर्निहित जीवन-मूल्य