अघोरी

अघोरी नृत्य कर रहे हैं

उत्सव है उनका 

राख का पर्वत खड़ा हो गया है।


अब कमी नहीं पड़ेगी

नंगे बदन पर पोतने के लिए

मृत्यु का तांडव करने को।


आग बुझती नहीं

अगला तैयार है

भस्म हो जाने को


मत आना लखनऊ

ये शहर 

मुस्कुराना भूल चुका है।









रवि कपूर

लखनऊ, मो. 9935966219

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