वर्ष गाँठ
हम मनायेंगे वर्ष गाँठ
महामारी की
लाचारी मजबूरी की
किसी के घर न पहुंचने की
अपनी औलाद के जनाज़े में
शरीक न होने की
माँ की थमी सांसों से
खेलते यतीम नवासे की
बिखरी रोटियों और
श्रमजीवियों के जिंदा
गोश्त की
वर्ष गाँठ
सिसक की
आंसुओं की
खुदगर्जी की
बेशरमी की
ये वर्ष गाँठ है
सिरफिरों की
डॉ श्यामबाबू शर्मा, शिलोंग, मो. 9863531572