गीत
डाॅ. उमा त्रिलोक, मोहाली, पंजाब, मो. 9811156310
गीत
धरती से निकली
नई कोंपलों में
मुझे एक गीत मिला है
उत्साह भरा
जीवन की उमंगों से ओतप्रोत
आशाओं के सपनों के बीच
टपकती बारिश के नीचे
वह खुश है
गर्व से भरा, वह
मुश्किलों में मेरा हाथ थाम लेता है
उदासी में वह मुझे गा कर बहलाता है
उम्मीद को पर्वत बना कर
हथेलियों पर तिलस्मी महल बनाता है
मैंने उसे उठा कर अपने होठों पर सजा
रखा है
मेरा यह मित्र सखा सहयोगी
नहीं जानता कि धरती पर
आंधियाँ तूफान और सैलाब भी आया
करतें हैं
जो बहा कर ले जाते हैं सभी कुछ
मगर
यह गीत शाश्वत है
न होता अगर यह अनंत, तो
अब तक जीवन का संपूर्ण संगीत
मिट गया होता