कविता

 


डाॅ. उमा त्रिलोक, मोहाली, पंजाब, मो. 9811156310


कोई बंदिशें, वादे

या इकरार हों

गिले, शिकवे या

शिकायत हो

यह जरूरी तो नहीं

इक दूजे के लिए होना,

बस होना ही बहुत है





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